हाँ... थोड़ा सा तो थोड़ा सा दर्द तो है

हाँ थोड़ा सा तो थोड़ा सा दर्द तो है


हाँ... थोड़ा सा तो थोड़ा सा दर्द तो है

             तेरे जाने से थोड़ा सा दर्द तो है

             तेरे वापस ना आने से दर्द तो है

             भले ही जरा सा ही दर्द तो है

वो सीने से लिपट के तेरे बदन की गर्मी हो

या तुझे देखे बिना देखने से मिलती मन की सर्दी हो

आज भी वो सब कुछ है पर सिर्फ यादों में

             उनको वापस ना पाते तो थोड़ा सा तो थोड़ा सा दर्द तो है

हाँ अब फेसबुक पर तेरे चेहरे को देख सकते हैं पर लाइक नहीं कर सकते

             थोड़ा सा तो थोड़ा सा Ego तो है

अब तेरे व्हाट्सएप को चेक करके की कहीं ब्लाक तो नहीं किया हैं ना

ऐसा करके तसल्ली कर सकते हैं पर तुझे कोई मेसेज नहीं कर सकते हैं

             थोड़ा सा तो थोड़ा सा Attitude  तो है

पर इन सबके परे
             थोड़ा सा तो थोड़ा सा Pyar तो है

तेरी मुस्कान देखे या खुद मुस्कुराये इस बात का 
             थोड़ा सा तो थोड़ा Confusion तो है

बात बात पे Senti Singh होना और वही तेरी एक बात सुनने को कुछ भी कर जाना

भले ही आज उस बात पर थोड़ी हंसी आती हो

पर उन बचकानी हरकतों में छुपी तेरे Attention को पाने की चाह तो है

भले ही गुस्से वाला ही सही थोड़ा अकडू सा ही सही

             थोड़ा सा तो थोड़ा सा इकरार  तो है

पर अब बहुत हुआ इन सबको खत्म करने की चाह है

बस एक ही आदत है जिसे खत्म करने की चाह है

तुझे याद करते रहने की आदत, तेरे ना होने पे तेरे होने को मानने की चाहत

एक वक़्त के बदलने के बाद तू भी बदल जाएगी,वापस आ जाएगी उस चाह की चाहत

और फिर से वही मुस्कान देखने के लिए में मुस्काराओंगा 
और फिर से जिंदगी जिऊंगा उस जिंदगी की चाह है

बस ये सब आदत है जिसे खत्म करने की चाहत तो है

पर रोक लेता हूँ खुद को

             क्युकी थोड़ा सा तो थोड़ा सा , थोड़ा अकडू सा, थोड़ा गुस्से  वाला सा,

थोड़ा सा तो थोड़ा सा प्यार तो है



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